भाकृअनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा का वी0एल0 पॉलीटनल के निर्माण तथा विक्रय के लिए समझौता
दूनागिरी स्वायत सहकारिता, नरसिंह बाड़ी, अल्मोडा से वी.एल. पॉलीटनल के निर्माण के लिए भाकृअनुप - विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा लिखित समझौता किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रो में सर्दी के मौसम में पाला बहुत पड़ता है। जिसके कारण सब्जियों, फूलों और अन्य उच्च मूल्य वाली फसलों की नर्सरी में धीमा अंकुरण और वृद्धि होती है। जिससे किसानों को समय पर रोपाई की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, अपने प्रारंभिक बढ़वात के चरण में नर्सरी में पौध को पाले, ओलों और हिमपात से होने वाले नुकसान की संभावना अधिक होती है। यदि नर्सरी विफल हो जाती है, तो न केवल किसानों को बीजों की बहुत अधिक लागत के रूप में आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि नर्सरी की दोबारा बुआई करने से खेतों में इसकी रोपाई में देरी होती है, जिससे कुल उत्पादन कम हो जाता है। इस प्रकार ऐसी परिस्थितियों में नर्सरी तैयार करने के लिए वी0एल0 पॉलीटनल एक सस्ता, उपयुक्त और लाभदायक विकल्प हो सकता है और तदनुसार भाकृअनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा के कृषि वैज्ञानिकों ने एक उच्च गुणवत्ता की नर्सरी तैयार करने के लिए स्टील पाइप से बने ‘‘वीएल पॉलीटनल’’ को नर्सरी के एक सुरक्षात्मक संरचना के रूप में विकसित किया है। वी0एल0 पॉलीटनल अर्ध-वृत्ताकार आकार का है जिसके लिए 2 वर्ग मीटर के जमीन क्षेत्रफल की आवश्यकता होती है और कुल उपलब्ध क्षेत्र 4 वर्ग मीटर है। यह स्टील पाइप और यूवी पॉलीथीन से बना है और इसकी कीमत 6,000 रुपये है। नर्सरी उगाने के लिए सर्दियों में इसके प्राथमिक उपयोग के अलावा किसान इसका उपयोग बारिश के मौसम में अपने खेत की उपज को सुखाने और ढकने के लिए भी कर सकते हैं। यह पॉलीटनल परिवहन के लिए बहुत आसान है, क्योंकि इसके अधिकतम भाग वियोज्य हैं और एक पॉलीटनल को सुरक्षित परिवहन के लिए केवल (105×25×80 सेमी3) आयतन की आवश्यकता होती है। वी0एल0 पॉलीटनल के उत्पादन तथा विक्रय के लिए उक्त कम्पनी के साथ 03.01.2024 को हुए समझौते में भाकृअनुप- वि0प0कृ0अनु0 संस्थान, के निदेशक डॉ. लक्ष्मी कान्त, डॉ निर्मल कुमार हेडाउ, अध्यक्ष, आई0टी0एम0यु0, डॉ. के.के. मिश्रा, वैज्ञानिक, डॉ. श्याम नाथ, वैज्ञानिक, तथा कंपनी के सचिव श्री गंगा दत्त, ने हस्ताक्षर किये।